Getting My totka To Work
blackmagic and vashikaran specialist aacharya Goldie Madan (whats app +16475502650)
में सही विचार आते हैं, तब हमारे सभी कार्य ठीक होते हैं। जब मन में पूर्वाभास होता है, तब हमारे किये गए
के ललाट से उपजी महाशक्ति ने शुंभ- निशुंभ के सेनानायकों चंड - मुंड
पत्रिका में काल सर्पदोष, चंद्र-राहु युति से जनित ग्रहण दोष, मार्केश एवं बाधकेश ग्रहों की दशाओं में, शनि के अनिष्टकारी
के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय भगवान शिव को खुश करने
का जाप करें। सब श्रेष्ठ हैं। बस समय आगे पीछे हो सकता है। कारण अक्षर ही ब्रह्म
ॐ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा। कयाशश्चिष्ठया वृता।।
श्रेष्ठ कौन मंत्र: नवार्ण, गायत्री या महामृत्युंजय
क्रोध शांत होता है, ज्ञान की वृद्धि होती है। विद्यार्थीयों के लिए---- गायत्री मंत्र का जप सभी के लिए उपयोगी है किंतु
के बीजाक्षरों एवं मंत्राक्षरों की रहस्यात्मकता की बात है तो इसके अर्थ बडे व्यापक है। ऐं हीं, क्लीं के रूप में ये
करने वाले का खान-पान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। किंतु जिन लोगों का सात्विक खान-पान नहीं है, वह भी गायत्री मंत्र जप कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के
दुर्गा की more info इन नौ शक्तियों को जागृत करने के लिए
सुरक्षा भी होती है। इस चमत्कारी मन्त्र का नित्य पाठ करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा निरन्तंर बरसती रहती
मन्त्र के ऋषि, छन्द, देवता, शक्तियां एवं
'ऐं'-यह सरस्वती बीज है। 'ऐ' का अर्थ सरस्वती है